मेदिनीनगर: सदर प्रखंड में दिव्यांग जनों के लिए सशक्तिकरण शिविर का हुआ आयोजन। मेदिनीनगर, दिव्यांगता अभिशाप नहीं है बल्कि जीवन का एक चुनौती है । उक्त बातें पलामू के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव ने कही । वे रविवार को सदर प्रखंड कार्यालय परिसर में दिव्यांग बच्चों के अधिकार विषय पर आयोजित सशक्तिकरण सह जागरूकता शिविर मैं बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे । इसके पूर्ब उन्होंने दिव्यांग जनों से अपनी उपस्थिति में द्वीप प्रज्ज्वलित कराकर कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन किया।उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के प्रति समाज की दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। तभी वह सामान्य जनों की तरह विकास के मुख्य धारा में जुड़कर समाज में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि झालसा व डालसा का प्रयास सशक्तिकरण शिविर के माध्यम से लोगों को सशक्त बनाना है ।उन्होंने कहा कि आज दिव्यांग बच्चों के अंदर जज्बे को देखकर काफी अभिभूत हूँ। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने कहा कि डालसा के द्वारा दिव्यांग बच्चों को चिन्हित करने के लिए 45 दिनों का विशेष अभियान चलाया गया है। जिसके तहत जिले में पीएलभी के माध्यम से 2167 बच्चों को चिन्हित किया गया है । 1678 बच्चों को पेंशन योजना का लाभ दिया गया है। शेष बच्चों को भी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि डालसा का प्रयास समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर लोगों के समस्याओं का समाधान करना है। इस मौके पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि एक समान व्यक्ति की तुलना में दिव्यांग व्यक्ति को हर जगह परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।दिव्यांग व्यक्ति के जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा योजनाएं चलाई जा रही है। इसका लाभ लेने के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग प्रमाण पत्र सरकार द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है ।उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांग जनों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ आरक्षण प्रदान भी करती है। जिसमें सरकारी नौकरी, शिक्षा और ट्रेन में किसी भी सफर में छूट जैसी सुविधाएं शामिल है ।उन्होंने कहा कि सरकार ने दिव्यांग को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य दिव्यांगजन विकास निधि का शुरुआत की है। इसका उद्देश्य दिव्यांगों को लाभ देना है ।उन्होंने कहा कि योजना के जरिये दिव्यांग जनों को 50 हजार से एक लाख रुपये तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है। बॉक्स, दिव्यांग बच्चों के पास खुद पहुँचकर पीडीजे ने दिया योजना का लाभ। सशक्तिकरण शिविर में एक नन्हा दिव्यांग ऐसा भी अपने मामा के साथ आया था जो स्वयं चल नही सकता था।पीडीजे खुद उसके पास पँहुचे व सरकारी योजना का लाभ दिए।साथ ही उस बच्चे को स्पॉन्सरशिप का लाभ व किसी बेहतर आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने हेतु जिला समाज कल्याण पदाधिकारी व अंचलाधिकारी सदर को निर्देश दिया।वही विशेष शिविर में उन्होंने अन्य न्यायिक पदाधिकारियों के साथ दिव्यांग बच्चों को ऑन स्पॉट दिव्यांग सर्टिफिकेट ,ट्राईसाइकिल, बैसाखी ,पेंशन आदि के अलावे महिला स्वयं सहायता समूह को ऋण ,मुख्यमंत्री मइया सम्मान योजना के तहत स्वकृति पत्र,दिव्यांग पेंशन स्वीकृति पत्र,व छोटे बच्चों को पोलियो का ड्रॉप पिलाया गया। इस मौके पर डीजे अभिमन्यु कुमार, अखिलेश कुमार, राजकुमार मिश्रा, आयशा खान ,स्वेता ढींगरा, शंकर महाराज ,संजय सिंह यादव,सीजेएम आनंद सिंह, एसीजेएम संदीप निशित बारा,निशिकांत, शिखा अग्रवाल, परमानंद उपाध्याय,कमल प्रकाश, रितु कुजूर ,रोजलिना बारा, अमित आकाश सिन्हा प्रज्ञेश निगम,रश्मि चन्देल, सदर अंचल अधिकारी अमरदीप सिंह बल्होत्रा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान ,लीगल एड डिफेंस काउंसिल के चीफ अमिताभ चंद सिंह, डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडेय, पीएलभी विनय प्रसाद ,संजीव सिंह,, मुखिया बिंको उरांव,दुलारी देवी,नाजिर सुनील कुमार, अधिवक्ता संजय कुमार पांडेय, उपाध्याय सिंह, सुदर्शन ठाकुर,के अलावे सैकड़ो महिला ,पुरूष व बच्चे उपस्थित थे।